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कोरबा के बारे में जानकारियाँ CG Korba information hindi

CG Korba information - कोरबा नवगठित जिला है जो की छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी के नाम से प्रसिद्ध भी है। कोरबा जिला, बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आता है,यहाँ मुख्य रूप से संरक्षित आदिवासी जनजाति कोरवा (पहाडी कोरवा) निवास करते हैं। कोरबा जिला चारों ओर से हरे भरे वनो से लाभान्वित हैं , यहाँ आदिवासियों की एक बड़ी जनसंख्या पायी जाती हैं। यहा के आदिवासी वन क्षेत्र में पर्यावरण के साथ रहना पसंद करते हैं जिसके कारण उन्होंने अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक विशेषताओं और पारंपरिक प्रथाओं को बरकरार रखा है।

कोरबा जिला के बारे में CgKorba Jila Ke Bare Me

कोरबा
कोरबा

कोरबा जिला को 25 मई सन 1998 में प्रभावी पूर्ण राजस्व जिले का दर्जा प्राप्त हुआ| जिसका मुख्यालय कोरबा शहर में है, जो कि हसदेव और अहिरन नदी के संगम के किनारे स्थित है। कोरबा छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी भी है । कोरबा जिला बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आता है। कोरबा जिला मुख्यालय राजधानी रायपुर से लगभग 200 किलोमीटर दुरी पर स्तिथ है।

जिला - कोरबा
स्थापना - 25 मई 1998
क्षेत्रफल - 7145 वर्ग किलोमीटर
जनसंख्या 2011 - 1206640
तहसील - कटघोरा, पाली, करतला, कोरबा, पोंडीउपरोड़ा।
विकाशखण्ड - कटघोरा, पाली, करतला, कोरबा, पोंडीउपरोड़ा।
नगर निगम - 1
नगर पालिका - 1
नगर पंचायत - 3
ग्राम पंचायत - 352

  • कोरबा का नाम यहां की जनजाति पहाड़ी कोरवा के आधार पर रखा गया है। यह छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी (ऊर्जानगरी) भी कहलाती है, क्योंकि यहां छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी (पूर्ववर्ती छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल) और एनटीपीसी के अलावा कई निजी कंपनियों के विद्युत संयंत्र संचालित हैं। यहां की पहचान एशिया के सबसे बड़े खुले कोयला खदान (ओपन कास्ट माइन) गेवरा माइंस की वजह से भी है, जो साउथ ईस्टर्न कोल फिल्ड्स (एसईसीएल) द्वारा कोरबा कोयला क्षेत्र में संचालित कई अंडरग्राउंड और ओपनकास्ट माइन्स में से एक है। इसके अलावा यहां भारत का सबसे बड़ा एल्युमिनियम संयंत्र भारत एल्युमिनियम कंपनी (बालको) स्थित है, जिसे एनडीए शासनकाल में निजी हाथों में सौंप दिया गया था।

कोरबा जिला छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर संभाग में स्थित है यह प्रकृति की गोद में तथा हसदेव नदी और अहिरन नदी के संगम के किनारे बसा है कोरबा की स्थिति 22°21′N 82°41′E / 22.35°N 82.68°E पर है तथा इसकी औसत ऊंचाई 252 मी.( 826 फीट ) है।

विशेष विवरण
अक्षांश 22°01′ से 23°01′ उत्तर
देशांतर 82°07′ से 83°07′ पूर्व
सागर स्तर से ऊंचाई 304.8 मीटर
छत्तीसगढ़ राज्य में कोरबा जिला उत्तर की ओर स्थित है जो, कोरिया,सरगुजा,बिलासपुर,जांजगीर,रायगढ़ जिलों से घिरा हुआ है। कोरबा जिला मुख्यालय राजधानी रायपुर से लगभग 200 किलोमीटर दुरी पर स्तिथ है। कोरबा जिले का कुल क्षेत्रफल 7,14,544 हेक्टेयर है जिसमें से 2,83,497 हेक्टेयर वन भूमि है,जो की कुल क्षेत्रफल का लगभग 40 प्रतिशत है|

  • कोरबा छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। इसे प्रदेश की ऊर्जा राजधानी कहा जाता है। यहां देश की सबसे बड़ी भूमिगत कोयला खदान "गेवरा माइन्स" है। यहा छत्तीसगढ़ का प्रथम बहुद्देश्यीय परियोजना "मिनीमाता हसदेव बांगो परियोजना" है। यह प्रदेश का सबसे ऊंचा बांध है।
    जिले का कुल क्षेत्रफल 7,14,5 हेक्टेयर है जिसमें से 2,83,4 हेक्टेयर वन भूमि है,जो की कुल क्षेत्रफल का लगभग 40 प्रतिशत है।
  • कोरबा जिले का सामान्य परिचय 2022
  • जिला गठन 25 मई 1998
  • जिला मुख्यालय कोरबा
  • संभाग बिलासपुर
  • मातृ जिला बिलासपुर
  • सीमावर्ती जिले (7) 1. जांजगीर चांपा, 2. रायगढ़, 3. सरगुजा, 4. सूरजपुर, 5. कोरिया, 6. बिलासपुर, 7. गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही
  • तहसील (7) 1. पाली, 2. कोरबा, 3. कटघोरा, 4. करतला, 5. पोड़ी-उपरोड़ा, 6. दर्री, 7. हरदीबाजार
  • विकासखंड (5) 1. पाली, 2. कोरबा, 3. कटघोरा, 4. करतला, 5. पोड़ी-उपरोड़ा
  • नगर निगम (1 ) 1. कोरबा
  • नगर पालिका परिषद (2) 1. कटघोरा, 2. दीपका
  • विधानसभा क्षेत्र (4) 1. पाली (ST), 2. कटघोरा, 3. कोरबा, 4. रामपुर (ST)
  • लोकसभा क्षेत्र (1) कोरबा
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH – 130NH – 149 B
  • पिनकोड 495677
  • आधिकारिक वेबसाइट korba.gov.in
  1. लेमरू एलिफेंट रिजर्व है CG VYAPAM 2022
    A. रायगढ़
    B. सरगुजा
    C. कोरबा
    D. जगदलपुर
    उत्तर – C

  2. हिल गीको छिपकली दुर्लभ प्रजाति की कहां देखी गई
    उत्तर – कोरबा
  3. केन्दई जलप्रपात कहाँ स्थित है ?
    उत्तर – कोरबा
  4. देवपहरी जलप्रपात कहाँ स्थित है ?
    मड़वा रानी मंदिर कहाँ स्थित है ?
    उत्तर – कोरबा
  5. कनकी कंकेश्वर मंदिर कहाँ स्थित है ?
    उत्तर – कोरबा
  6. बुका जलाशय (छत्तीसगढ़ का मॉरीशस) कहाँ स्थित है ?
    उत्तर – कोरबा
  7. हसदेव फूड प्रोसेसिंग पार्क कहा श्थित है
    उत्तर – कोरबा
  8. छत्तीसगढ़ का चित्तौड़गढ़ किसे कहते है ?
    उत्तर – कोरबा
  • यह कबीर पंथियों का प्रसिद्ध मंदिर है
    उत्तर – कोरबा
  • गोविंद भुना जलप्रपात कहा है
    उत्तर – कोरबा
  • छत्तीसगढ़ कोरबा जिले में देश के प्रथम एल्युमिनियम संयंत्र कब स्थापित किया गया था ?
    उत्तर - 27 नवम्बर, 1965
  1. निम्न में से किस युग्म में स्त्री/पुरूष लिंगानुपात सबसे कम है?
    (A) रायपुर, बिलासपुर
    (B) दुर्ग, रायपुर
    (C) कोरिया, कोरबा
    (D)राजनांदगांव, रायपुर
    उत्तर- C
  2. कोरबा किस नदी के किनारे बसा हुआ है
    (A) हसदेव
    (B) शिवनाथ
    (C) इन्द्रावती
    (D)महानदी
    उत्तर- – A
  3. भारत की सबसे बड़ी भूमिगत और यंत्रीकृत कोयला खान किस जिले में है?
    (A) बिलासपुर
    (B) सरगुजा
    (C) कोरिया
    (D)कोरबा
    उत्तर- – D
  4. हसदो-रामपुर कोयला क्षेत्र किन जिलों में हैं?
    (A) बिलासपुर-सरगुजा
    (B) सरगुजा-जशपुर
    (C) बिलासपुर-कोरबा
    (D)कोरबा-रायगढ़
    उत्तर- – D
  5. कोरबा एवं मैनपाट के बाक्साइट खनन का कार्य करती है
    (A) बाल्को
    (B)  नाल्को
    (C) एन.एम.डी.सी.
    (D) राज्य खनिज विकास निगम
    उत्तर- A
  • निम्नलिखित में से कौन-सी कम्पनी इस राज्य में कोरबा स्थित भारत ऐल्युमिनियम कम्पनी की 51 प्रतिशत की भागीदार है ? Cg PATWARI 2019
    (A) रिलायंस कम्पनी 
    (B) टाटा स्टील कम्पनी
    (C) स्टारलाइट कम्पनी
    (D) एन० टी० पी० सी०
    उत्तर – (C) स्टारलाइट कम्पनी
  • हसदेव बांगो परियोजना कहा स्थित है
    कोरबा प्रदेश
    रायगढ़
    अंबिकापुर
    कोरिया
    उत्तर = कोरबा प्रदेश
  • नान फेरस रिसोर्स प्रदेश कहा जाता है?
    (A) सरगुजा प्रदेश
    (B) बिलासपुर प्रदेश
    (C) कोरबा प्रदेश
    (D)राजनांदगांव प्रदेश
    उत्तर- C
  • कोयले पर आधारित तापीय विद्युत केन्द्र स्थापित है?
    (A) जांजगीर-चांपा
    (B) सरगुजा
    (C) बिलासपुर
    (D)कोरबा
    उत्तर- D
  • कोरबा का तापीय विद्युत केन्द्र का निर्माण किस पंचवर्षीय योजना के तहत किया गया?
    (A) प्रथम
    (B) द्वितीय
    (C) तृतीय
    (D)चतुर्थ
    उत्तर- D
  • कोरबा विद्युत संयंत्र को जलप्रदाय होता है?
    (A) खूटाघाट परियोजना (खारंग नदी) से
    ब, मिनीमाता बांगो परिययोजना (हसदेव नदी) से
    (C) खुड़िया परि. (मनियारी नदी) से
    (D)बोधघाट परि. इन्द्रावती नदी) से
    उत्तर- B
  1. राज्य की ऊर्जा राजधानी है?
    (A) बिलासपुर
    (B) कोरबा
    (C) रायगढ़
    (D)रायगढ़
    उत्तर- B
  2. बाल्को एल्युमीनियम बनाने का कारखाना किस जिले में हैं?
    (A) कोरबा
    (B) दुर्ग
    (C) रायपुर
    (D)बिलासपुर
    उत्तर- A
  3. छत्तीसगढ़ की कोरबा जनजाति का निवास क्षेत्र मुख्यतः हैं?
    (A) जशपुर, सरगुजा, कोरबा
    (B) रायपुर, धमतरी, महासमुन्द
    (C) बस्तर, कांकेर, दंतेवाडा
    (D)दुर्ग, राजनांदगांव, कोरिया
    उत्तर- A
  4. कोरबा लोगों की पंचायत कहलाती है
    (A) भगोरिया
    (B) मयारी
    (C) झूमकुरिया
    (D)गोलगोधड़ी
    उत्तर- B
  5. किस जनजाति का शाब्दिक अर्थ पृथ्वी खोदने वाला है?
    (A) बैगा
    (B) गोड़
    स, कमार
    (D)कोरवा 
    उत्तर- D
  6. भुजिया जनजाति छत्तीसगढ़ के इस जिले में पायी जाती
    उत्तर- कोरबा


कोरबा-III ताप विद्युत संयंत्र Cg Korba Thermal Power Plant

Cg Korba Thermal Power Plant

  • स्थापना वर्ष 1976 और 1981 में
    • क्षमता – 120 मेगावाट की 02 इकाइयां
    • सहयोग – भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) के सहयोग से
    बंद – 31 दिसंबर 2020 को
    कारण – प्रदूषण अधिक होने के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने राज्य सरकार से इसे बंद करने की सिफारिश की थी।
    विशेष – इस तप विद्युत सयंत्र के स्थापना के बाद ही कोरबा को “ऊर्जा नगरी” के रूप में पहचान मिली।

लेमरू एलिफेंट रिजर्व Lemru Elephant Reserve cg korba

Lemru Elephant Reserve cg korba

  • कोर जोन कोरबा
    क्षेत्रफल 1995.48 वर्ग किलोमीटर
    वनमंडल क्षेत्र कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़ एवं सरगुजा वनमंडल क्षेत्र
    विशेष प्रदेश का पहला हाथी अभ्यारण्य (एलिफेंट रिजर्व)
    चर्चा में प्रदेश सरकार एलिफेंट रिजर्व का क्षेत्र कम कर 450 वर्ग किमी किये जाने का प्रस्ताव लाया गया है।
    सुपर शेष नाग: CG CURRENT 2021
  • भारत की दूसरी सबसे लम्बी ट्रेन
    • जोन – दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे, बिलासपुर द्वारा
    • लंबाई – 2.8 किमी
    • कुल लोड – 20,906 टन
    • कोयला लोड – 16 हजार टन (700 ट्रक के बराबर) कोयला लोड
    • स्टेशन – कोरबा से भिलाई के बीच (280 किमी)
    इंजन – 04 (01 मुख्य + 03 पिछले)चर्चित
    विशेष – इस ट्रेन ने 4 लोडेड मालगाड़ियों के कुल 20,906 टन भार के साथ कोरबा, छत्तीसगढ़ से अपना पहला सफर तय किया। इस मालगाड़ी में डिस्ट्रीब्यूटेड पावर वायरलेस कंट्रोल सिस्टम (डीपीडब्ल्यूसीएस) का उपयोग किया गया, जिसमें लीडिंग पावर (सामने का इंजन) जीपीएस के माध्यम से पीछे लगे तीनों इंजन से लिंक रहा।

तेंदपत्ता संग्रहण 2021: Tend Leaf Storage cg korba

  • पारिश्रमिक दर – ₹4000 प्रति मानक बोरा
    संग्रहण – मान लगभग 13 लाख आदिवासी परिवार द्वारा
    lakshya– 16 लाख 71 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण
    उच्च गुणवत्ता तेंदूपत्ता – लेमरू और उड़उड़ा (कोरबा जिला)

नदी और वन River And Forest

कोरबा जिले के मुख्य नदी हसदेव है ,जो कोरबा जिले के मध्य से बहती है, जिसका उद्गम छोटा नागपुर की घाटी से है। इस नदी की कुल लंबाई 233 कि.मी. है इसकी सहायक नदियां गेजकोराई, टैन और अहिरन हैं|

कोरबा के सामाजिक और वित्तीय संरचना में वनो की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। यह जिला वनो उपज में पूरी तरह समृद्ध है, वन विभाग की दो मण्डल कोरबा और कटघोरा कोरबा जिले के अंतर्गत आते हैं।

निवास Place/Home

CG Korba - कोरबा जिले में विभिन्न धार्मिक,सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोग निवास करते हैं। यहाँ की मुख्य निवासी आदिवासी हैं जो की कुल जनसंख्या आबादी का 51.67% है। कोरबा जिले में मुख्य अनुसूचित जनजातियां निम्नलिखित है

जैसे :- पहाडी कोरवा, गोंड, राज गोंड, कवर, भैयाना, बिन्जवार, धनुहर आदि हैं। अनुसूचित जाति के अंतर्गत- सतीनाम, गंगा, पंक आदि आते हैं।
इस जिले का मुख्य व्यवसाय कृषि है एवं स्थानीय भाषा छत्तीसगढ़ी है। सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता के कारण कोरबा जिले की संस्कृति बहुत प्रसिद्ध है। इस जिले के लोग मुख्य रूप से होली, दशहरा, क्रिसमस और दिवाली त्यौहार मनाते हैं। यहाँ मुख्य आदिवासी त्योहारों में देव उथनी, पोला, छेरछेरा, करमा,हरेली आदि त्यौहार अच्छे से मनाये जाते हैं। यहाँ के आदिवासियों द्वारा रावत नाचा,करमा नाचा,सुवा नाचा इत्यादि आदिवासी नृत्य को हर्षोउल्लास के साथ किया जाता हैं।

जनजातियां - गोंड़, पहाड़ी कोरवा, धनवार, बिंझवार, राजगोंड, कंवर।
पर्यटन - पाली, तुम्माण, चैतुरगढ़( लाफ़ागढ ), मड़वारानी, कोसगाई, सतरेंगा, लेमरू (हांथी अभ्यारण), मातिनगढ़, केंदई जल प्रपात, देवपहारी।
खनिज - कोयला, बाक्साइट, डोलोमाइट, क्वार्टज।
नदी - अहिरन, हसदेव, तान, चोरनई।

कोरबा जनजाति
कोरबा जनजाति मध्य प्रदेश में छोटा नागपुर से आयी है। यह कोल प्रजाति की जनजाति है। कोरबा बहुत ही पिछड़ी जनजातियों में से एक है। यह जनजाति उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर, मध्य प्रदेश के जशपुर, सरगुजा और बिहार के पलामू ज़िलों में मुख्य रूप से पायी जाती है। उत्तर प्रदेश के कोरबा का मजूमदार और पलामू के कोरबा का सण्डवार नामक विद्वानों ने विस्तृत अध्ययन किया था। पहाड़ों में रहने वाले कोरबा 'पहाड़ी कोरबा' तथा मैदानी क्षेत्रों के कोरबा 'डीह कोरबा' कहलाते हैं। मिर्जापुर के कोरबा अपने को डीह कोरबा तथा पहाड़ी कोरबा के अतिरिक्त 'डंड कोरबा' श्रेणि का बताते हैं।

रंग-रूप Look

कोरबा जनजाति के लोग कम ऊँचाई के तथा काले रंग के होते हैं। ये शरीर से मजबूत लोग हैं, किन्तु उनके पैर शरीर की तुलना में कुछ छोटे दिखई पड़ते हैं। पुरुषों की औसत ऊंचाई 5 फिट 3 इंच तथा महिलाओं की 4 फिट 9 इंच पायी जाती है। पहाड़ी कोरबाओं की दाढ़ी और मूंछों के अलावा शरीर के बाल भी बड़े रहते हैं। 

पंचायत Jury / Punchayat

कोरवाओं की अपनी पंचायत होती है, जिसे 'मैयारी' कहते हैं। सारे गाँव के कोरबाओं के बीच एक प्रधान होता है, जो 'मुखिया' कहलाता है। बड़े-बूढ़े तथा समझदार लोग पंचायत के सदस्य होते हैं। पंचायत का फैसला सबको मान्य होता है।

निवास तथा कृषि Residence and Agriculture / Nivash Aur Krishi

इनका घर बहुत ही साधारण होता है। कोरबा जनजाति के लोग जंगल में घास-फूस से बने छोटे-छोटे घरों में रहते हैं। जो लोग गाँव में बस गए हैं, वे बाँस और लकड़ी के घर बनाते और खपरैल तथा पुआल से छाते हैं। पहाड़ी कोरबा पहले 'बेआरा' खेती भी करते थे, लेकिन सरकारी नियमों के तरत इस प्रकार की खेती पर बंदिश है। डीह कोरबा साधारण खेती करते हैं।

उपजाति Sub Caste / UpJatee

कोरबा जनजाति की एक उपजाति 'कोरकू' है और जिस तरह सतपुड़ा की दूसरी कोरकू जनजाति मुसाई भी कहलाती है, उसी तरह कोरकू भी 'मुसाई' नाम से पहचाने जाते हैं। जिनका शाब्दिक अर्थ है- 'चोर' या 'डकैत'। कूक कोरबा और 'कूक' को एक ही जनजाति के दो उपभेद मानते हैं। जबकि ग्रिमर्सन भाषा के आधार पर उनकी भाषा को असुरों के अधिक निकट पाते हैं। कोरबा लोगों में 'मांझी' सम्मान सूचक पदवी मानी जाती है। संथालों में भी ऐसा ही है।[1]

जीवन-स्तर तथा विकास Standard Of Living And Development / Jivan Star

पहाड़ी कोरबा मध्य प्रदेश की आदिम जातियों में से एक है, जिसका जीवन-स्तर तथा विकास अत्यंत ही प्रारंभिक व्यवस्था में है। यह उनके जीवन के प्रत्येक क्रिया-कलापों में देखा जा सकता है। रहन-सहन के मामले में वे शारीरिक स्वच्छता से कोसों दूर हैं। उनके सिर के बाल मैल के कारण रस्सी जैसी लटाओं में परिवर्तित हो जाते हैं। महिलाओं के कपड़े बहुत गंदे रहेते हैं। शरीर के अंग प्रत्यंगों पर मैल की परत पायी जाती है। महिलाएँ आभूषण के आधार पर केवल लाल रंग की चिन्दियाँ सिर पर बांध लेती है। उनकी सामाजिक मान्यताएँ भी अन्य आदिवासियों की तुलना में काफ़ी पिछड़ी हुई हैं, जैसे- कहा जाता है कि पहाड़ी कोरबा कुछ परिस्थितियों में बहन से भी विवाह कर सकते हैं। पहाड़ी कोरबा में विवाह के लिए माँ-बाप की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है।

अंधविश्वास Blind Faith

कोरबा जनजाति में शिकार प्रियता के साथ शिकार से संबंधित अंधविश्वास ओर टोने-टोटके भी हैं, जैसे- शिकार पर जाते समय बच्चे का रोना अशुभ माना जाता है। कुण्टे के अनुसार, शिकार यात्रा पर जाते समय एक व्यक्ति ने अपने दो वर्षीय बच्चे को पत्थर पर पटक दिया, क्योंकि उसने रोना शुरू कर दया था। इसी भांति वे शिकार की यात्रा के पूर्व मुर्गों के सामने अन्न के कुछ दाने छिटका देते हैं। यदि मुर्गों ने ठोस दाने को पहले चुना तो यात्रा की सफलता असंदग्धि मानी जाती है। कोरबा लोगों में किसी प्रकार के आदर्श को महत्व नहीं दिया जाता। जंगल का क़ानून ही उनकी मानसिकता है। शिकार यात्रा के समय बच्चे का रोना अशुभ माना जाता है।[1]

व्यवसाय Business

कोरबाओं के क्षेत्रों में जलाऊ लकड़ी का विशेष महत्त्व है। शीतकाल में आदिवासी लकड़ियाँ जलाकर ही उष्णता प्राप्त करते हैं। नक़द पैसा उन्हें अधिकतर अचार की चिरौंजी से मिलता है। चिरौंजी की मांग तथा मूल्य दोनों में लगातार वृद्धि हो रही है। कोरबा लोग जड़ी-बूटियों को बेचना तो दूर उनके बारे में किसी अन्य को बताना भी पसंद नहीं करते।

जलवायु Climate / Jalwayu

कोरबा जिला गर्म शीतोष्ण जलवायु क्षेत्र के अंतर्गत आता है जिसके कारण जिले में बहुत गर्मी और सूखा रहता है। गर्मी का मौसम अप्रैल से मध्य जून तक शुरू होता है, दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण यहाँ बरसात का मौसम जून के मध्य से सितंबर के अंत रहता है। जिले में औसत वर्षा 1506.7 मिमी है, और सामान्य वर्षा 1287.6 मिमी है।

हसदेव कोरबा जिले की मुख्य नदी है। यह नदी जिले के मध्य से बहती है, जिसका उद्गम छोटा नागपुर की घाटी से है। इस नदी की कुल लंबाई 233 कि.मी. है इसकी सहायक नदियां गेजकोराई, टैन और अहिरन हैं।

आवागमन To Came And Go / Aawagaman

रेल मार्ग Rail Way

कोरबा तक जाने के लिए रेल मार्ग एक बेहतर जरिया हैं। एक्सप्रेस गाड़ियों में कोरबा-यशवंतपुर (वेनगंगा एक्सप्रेस), कोरबा-अमृतसर (छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस), कोरबा (बिलासपुर)-नागपुर (शिवनाथ एक्सप्रेस) और कोरबा-तिरुअनंतपुरम (कोचिन एक्सप्रेस) के अलावा कई लोकल ट्रेने बिलासपुर से कोरबा के लिए चलती हैं। हावड़ा-मुंबई रुट से अलग होने की वजह से कोरबा जाने वाले यात्रियों के लिए हावड़ा-मुंबई रूट पर चलने वाली कई ट्रेनों को निकटस्थ रेलवे स्टेशन चांपा में स्टापेज दिया जाता है।

वायु मार्ग Air Way

दिल्ली, प्रयागराज, जबलपुर और खजुराहो से बिलासपुर हवाई अड्डे तक प्रतिदिन वायु सेवा है। बिलासपुर से पर्यटक सड़क से आसानी से कोरबा तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा कोरबा के करीब बालको की हवाई पट्टी भी है, जहां छोटे विमान आसानी से उतर सकते हैं।

सड़क मार्ग Road Way

कोरबा सड़क मार्ग द्वारा छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों से अच्‍छी तरह जुड़ा हुआ है।

पर्यटन Cg Korba Tourism

कोसगाईगढ़ : Kosgaigarh 

Kosgaigarh Ancient Structures
Kosgaigarh Ancient Structures

Kosgaigarh Putka Mountain
Kosgaigarh Putka Mountain

Kosgaigarh Fort
Kosgaigarh Fort


Kosgaigarh : कोसगईगढ़ एक गांव है, जो फुटका पहाड़ के पहाड़ी इलाकों पर कोरबा-कटघोरा रोड से 25 किलोमीटर दूर है।
कोरबा-कटघोरा रोड पर फुटका पहाड़ की चोटी पर स्थित कोसगाईगढ़ बहुत खूबसूरत है। यह समुद्र तल से 1570 मी. की ऊंचाई पर स्थित है। कोसागाईगढ़ में एक खूबसूरत किला है। इसका प्रवेश द्वार एक गुफा की भांति है और यह इतना संकरा है कि इसमें से एक बार में केवल एक व्यक्ति गुजर सकता है। किले के चारों तरफ घना जंगल है, जिसमें अनेक प्रजाति के वन्य पशु-पक्षियों को देखा जा सकता है। कोसगाईगढ़ में पर्यटक किले के अलावा भी अनेक ऐतिहासिक अवशेषों देख सकते हैं। यहां स्थित माता कोसगाई के मंदिर की अपनी महिमा है, मंदिर में माता की इच्छानुरुप छत नहीं बनाया गया है।

  1. कोसगईगढ़ एक गांव है, जो फुटका पहाड़ के पहाड़ी इलाकों पर कोरबा-कटघोरा रोड से 25 किलोमीटर दूर है।
  2. यह राजा द्वारा बनाया गया था प्राकृतिक दीवारे यहाँ की रक्षा करती है और कुछ हिस्सों में ही बिल्डरों ने दीवारों के निर्माण की आवश्यकता महसूस की है यह स्थान से जो समुद्र तल से 1570 फीट स्थित है जहा से कोरबा जिले का एक बड़ा हिस्सा दिखाई दे रहा है।
  3. किले के मुख्य प्रवेश बिंदु पर पारगमन की तरह एक सुरंग है, जहां एक ही व्यक्ति चल सकता है।
  4. युद्ध के दौरान राजा के सैनिकों ने बड़े पत्थरों को रोल करके दुश्मनो को किले में आने से रोका ।
  5. प्राचीन संरचनाओं के अवशेष पहाड़ी के चारों ओर फैले हुए हैं।
  6. किले घने जंगल में छिपा हुआ है, जो बीयर, तेंदुआ आदि जैसे जंगली जानवरों का घर है

चैतुरगढ़ (लाफागढ़) : Chaiturgarh

Chaiturgarh
Chaiturgarh

Chaiturgarh यह कोरबा शहर से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित है। यह 3060 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है, यह कल्चुरी राजा पृथ्वीदेव प्रथम द्वारा बनाया गया था। यह किला चारों ओर से मजबूत प्राकृतिक दीवारों से संरक्षित है केवल कुछ स्थानों पर उच्च दीवारों का निर्माण किया गया है। किले के तीन मुख्य प्रवेश द्वार हैं जो मेनका, हुमकारा और सिम्हाद्वार नाम से जाना जाता है। यहां प्रसिद्ध महिषासुर मर्दिनी मंदिर स्थित है। महिषासुर मर्दिनी की मूर्ति, 12 हाथों की मूर्ति, गर्भगृह में स्थापित होती है। मंदिर से 3 किमी दूर शंकर की गुफा स्थित है। यह गुफा जो एक सुरंग की तरह है, 25 फीट लंबा है। कोई गुफा के अंदर ही जा सकता है क्योंकि यह व्यास में बहुत कम है।

  1. चैतुरगढ़ (लाफागढ़) कोरबा शहर से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित है। यह पाली से 25 किलोमीटर उत्तर की ओर 3060 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है,
  2. चैतुरगढ़ को "छत्तीसगढ़ का कश्मीर" भी कहा जाता है।
  3. यह राजा पृथ्वीदेव प्रथम द्वारा बनाया गया था।
  4. पुरातत्वविदों ने इसे मजबूत प्राकृतिक किलो में शामिल किया गया है,
  5. चूंकि यह चारों ओर से मजबूत प्राकृतिक दीवारों से संरक्षित है केवल कुछ स्थानों पर उच्च दीवारों का निर्माण किया गया है।
  6. किले के तीन मुख्य प्रवेश द्वार हैं जो मेनका, हुमकारा और सिम्हाद्वार नाम से जाना जाता है।
  7. पहाड़ी के शीर्ष पर 5 वर्ग मीटर का एक समतल क्षेत्र है, जहां पांच तालाब हैं इनमें से तीन तालाब में पानी भरा है।यहां प्रसिद्ध महिषासुर मर्दिनी मंदिर स्थित है।
  8. महिषासुर मर्दिनी की मूर्ति, 12 हाथों की मूर्ति, गर्भगृह में स्थापित होती है।
  9. मंदिर से 3 किमी दूर शंकर की गुफा स्थित है। यह गुफा जो एक सुरंग की तरह है, 25 फीट लंबा है।
  10. कोई गुफा के अंदर ही जा सकता है क्योंकि यह व्यास में बहुत कम है।
  11. चित्तौड़गढ़ की पहाड़ी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं और यह रोमांचक एह्साह का अनुभव प्रदान करती है।
  12. कई प्रकार के जंगली जानवर और पक्षी यहां पाए जाते हैं।
  13. एसईसीएल ने यहां देखने आने वाले पर्यटनो के लिए एक आराम घर का निर्माण किया है।
  14. मंदिर के ट्रस्ट ने पर्यटकों के लिए कुछ कमरे भी बनाये।
  15. नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष पूजा आयोजित की जाती है।
    चैतुरगढ़ क़िला
    सातवीं शताब्दी में वाण वंशीय राजा मल्लदेव ने महिषासुर मर्दिनी मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।
    इसके बाद जाज्वल्बदेव ने भी 1100 ई. काल में यहाँ स्थित मंदिर और चैतुरगढ़ क़िले का जीर्णोद्धार करवाया।
    क़िले के चार द्वार बताये जाते हैं, जिसमें सिंहद्वार के पास महामाया महिषासुर मर्दिनी का मंदिर है तो मेनका द्वार के पास है 'शंकर खोल गुफ़ा'।
    मंदिर से तीन किलोमीटर दूर 'शंकर खोल गुफ़ा' का प्रवेश द्वार बेहद छोटा है और एक समय में एक ही व्यक्ति लेटकर जा सकता है।
    गुफ़ा के अंदर शिवलिंग स्थापित है। यह कहा जाता है कि पर्वत के दक्षिण दिशा में क़िले का गुप्त द्वार है, जो अगम्य है।

तुमान / तुम्माण : Tuman

तुमान काटघोरा से 10 किमी दूर स्थित एक छोटा गांव है। यह कल्चुरी वंश के राजाओं की राजधानी थी। एक प्राचीन शिव मंदिर यहां पाया जाता है। यह माना जाता है कि यह मंदिर राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा कालचुरी (11 ई सा ) के शासनकाल के दौरान बनाया गया था।

  1. तुमान काटघोरा से 10 किमी दूर स्थित एक छोटा गांव है, जो उत्तर-पश्चिम दिशा में जिला मुख्यालय कोरबा से 30 किमी दूर है।
  2. प्राचीन इतिहास में कहा गया है कि तुमान हाईया वंश के राजाओं की राजधानी थी।
  3. एक प्राचीन शिव मंदिर यहां पाया जाता है। यह माना जाता है कि यह मंदिर राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा कालचुरी (11 ई सा .) के शासनकाल के दौरान बनाया गया था।
  4. इस शिव मंदिर के अलावा, कुछ अन्य अवशेष यहां भी पाए जाते हैं।

मेहरगढ़ किला : Mehargarh Kila / Mehargarh Fort in Korba

इस किले के अवशेष पाउना खरा पहाड़ी पर 2000 फीट की ऊंचाई पर पाए जाते हैं, जो राजगमार कोयला खानों के 15 किमी उत्तर पूर्व के आसपास स्थित है। कई स्तम्भों में से एक पर एक वैज्ञानिक लेखन पाया जा सकता है। इसके अलावा कुछ मूर्तियां भी हैं।मेहरगढ़
किले के चारों ओर घने जंगल विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों और पक्षियों के लिए घर है। इसके अलावा कुछ मूर्तियां भी हैं| इस किले के अवशेष पाउना खरा पहाड़ी पर 2000 फीट की ऊंचाई पर पाए जाते हैं, जो राजगमार कोयला खानों के 15 किमी उत्तर पूर्व के आसपास स्थित है।

  1. इस किले के अवशेष पाउना खरा पहाड़ी पर 2000 फीट की ऊंचाई पर पाए जाते हैं, जो राजगमार कोयला खानों के 15 किमी उत्तर पूर्व के आसपास स्थित है।
  2. कई स्तम्भों में से एक पर एक वैज्ञानिक लेखन पाया जा सकता है। इसके अलावा कुछ मूर्तियां भी हैं|
  3. किले के चारों ओर घने जंगल विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों और पक्षियों के लिए घर है।

पाली का शिव मंदिर : Pali Shiva Temple

पाली शिव मंदिर छत्तीसगढ़

यह जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर स्थित है। इसका निर्माण बाण वंश के विक्रमादित्य ने कराया था। विक्रमादित्य को महामंडलेश्वेर मालदेव के पुत्र ‘जयमेयू’ के नाम से भी जाना जाता है इसे लगभग 870 बीसी में बनाया गया था। 11 वीं और 12 वीं शताब्दी में राजा जाजलवादेव प्रथम कलचुरी के द्वारा मरम्मत की गई। उसका नाम मंदिर पर बना हुआ है। 

  1. पाली कोरबा जिले में एक तहसील मुख्यालय है।
  2. यह जगह कोरबा-बिलासपुर सड़क पर जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर स्थित है।
  3. यह माना जाता है कि पाली राजा विक्रमादित्य की पूजा स्थल थी।
  4. राजा विक्रमादित्य जो बन्ना राजवंश शासक था यहाँ एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो बड़े तालाब के किनारे स्थित है।
  5. यहां कई अन्य अवशेष भी देखे जा सकते हैं।
  6. यह मंदिर पूर्व की तरफ आ गया है और इसकी आंत अष्टकोणीय में है इस मंदिर की चौड़ाई 5 प्लेटफार्मों पर है।

केंदई जलप्रपात : Kendai Jalprapat Korba

केंदई जलप्रपात : Kendai Jalprapat Korba

यह बिलासपुर-अंबिकापुर राज्य राजमार्ग संख्या 5 में कोरबा जिला मुख्यालय से 85 किमी की दूरी दूरी पर स्थित एक गांव है। इस जलप्रपात की ऊंचाई करीब 75 फ़ीट है।

  1. केंदई बिलासपुर-अंबिकापुर राज्य राजमार्ग संख्या 5 में कोरबा जिला मुख्यालय से 85 किमी की दूरी दूरी पर स्थित एक गांव है।
  2. यहा जिले के पिकनिक स्थानों में एक सुन्दर स्थान है जिसकी ऊचाई 75 फीट के साथ एक सुन्दर झरना बनाती है |

देवपहरी : Devpahari Korba

देवपहरी : Devpahari Korba

यह कोरबा से 58 किमी उत्तरी पूर्व में चौराणी नदी के किनारे पर स्थित है। देवपहरी में इस नदी ने गोविंद कुंज नाम के एक झरना स्थित है। इस जलप्रपात को गोविंद झुंझा जलप्रपात या देवपहरी जलप्रपात कहते है। यहां माता सिद्धिदात्री का बहुत ही सुंदर मन्दिर भी स्थित है।
  1. देवपहरी, कोरबा से 58 किमी उत्तरी पूर्व में चौराणी नदी के किनारे पर स्थित है।
  2. देवपहरी में इस नदी ने गोविंद कुंज नाम के एक सुंदर पानी के झरने को बनाया।
  3. यह गाँव यहाँ स्थित प्रपातों के लिए प्रसिद्ध है।
  4. यहाँ पर कुछ मन्दिरों के अवशेष भी मिले हैं जो 12 वीं शताब्दी के लगभग के हैं।

सर्वमंगला मंदिर Sarvamangala Temple Korba

सर्वमंगला मंदिर Sarvamangala Temple Korba

कोरबा शहर से लगा हुआ दुर्गा देवी को समर्पित सर्वमंगला मन्दिर कोरबा के प्रमुख मन्दिरों में से एक है। इसका निर्माण कोरबा के जमींदर राजेश्वर दयाल के पूर्वजों ने कराया था। सर्वमंगला मन्दिर के पास त्रिलोकीनाथ मन्दिर, काली मन्दिर और ज्योति कलश भवन हैं। पर्यटक इन मन्दिरों के दर्शन भी कर सकते हैं। इन मन्दिरों के पास एक गुफा भी जो नदी के नीचे से होकर गुजरती है। कहा जाता है कि रानी धनराज कुंवर देवी इस गुफा का प्रयोग मन्दिरों तक जाने के लिए किया करती थी।

  1. सर्वमंगला कोरबा जिले के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है। इस मंदिर की देवी दुर्गा है।
  2. यह मंदिर कोरेश के जमींदार में से एक राजेश्वर दयाल के पूर्वजों द्वारा बनाया गया था।
  3. मंदिर त्रिलोकिननाथ मंदिर, काली मंदिर और ज्योति कलाश भवन से घिरा हुआ है।
  4. वहाँ भी एक गुफा है, जो नदी के नीचे जाता है और दूसरी तरफ निकलता है।
  5. रानी धनराज कुंवर देवी को मंदिर में अपनी दैनिक यात्रा के लिए इस गुफा के लिए इस्तेमाल किया गया था।

मड़वारानी Madwarani Temple Korba Chhattisgarh

मड़वारानी Madwarani Temple Korba Chhattisgarh

कोरबा जिला मुख्यालय से 22 कि॰मी॰ की दूर कोरबा-चांपा रोड पर मड़वारानी मन्दिर स्थित है। यह मन्दिर एक चोटी पर बना हुआ है और मदवरानी देवी को समर्पित है। स्थानीय निवासी के अनुसार सितम्बर-अक्टूबर में नवरात्रों में यहां पर कल्मी के वृक्ष के नीचे ज्वार उगती है। नवरात्रों में यहां पर स्थानीय निवासियों द्वारा भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में स्थानीय निवासियों के साथ पर्यटक भी बड़े उत्साह से भाग लेते हैं।

  1. कोरबा जिला मुख्यालय से 22 कि॰मी॰ की दूर कोरबा-चांपा रोड पर मड़वारानी मन्दिर स्थित है।
  2. यह मन्दिर एक चोटी पर बना हुआ है और मदवरानी देवी को समर्पित है। स्थानीय निवासी के अनुसार सितम्बर-अक्टूबर में नवरात्रों में यहां पर कल्मी के वृक्ष के नीचे ज्वार उगती है।
  3. नवरात्रों में यहां पर स्थानीय निवासियों द्वारा भव्य मेले का आयोजन किया जाता है।
  4. इस मेले में स्थानीय निवासियों के साथ पर्यटक भी बड़े उत्साह से भाग लेते हैं।
  5. सर्वमंगला मंदिरकोरबा शहर से लगा हुआ दुर्गा देवी को समर्पित सर्वमंगला मन्दिर कोरबा के प्रमुख मन्दिरों में से एक है।
  6. इसका निर्माण कोरबा के जमींदर राजेश्वर दयाल के पूर्वजों ने कराया था।
  7. सर्वमंगला मन्दिर के पास त्रिलोकीनाथ मन्दिर, काली मन्दिर और ज्योति कलश भवन हैं।
  8. पर्यटक इन मन्दिरों के दर्शन भी कर सकते हैं।
  9. इन मन्दिरों के पास एक गुफा भी जो नदी के नीचे से होकर गुजरती है।
  10. कहा जाता है कि रानी धनराज कुंवर देवी इस गुफा का प्रयोग मन्दिरों तक जाने के लिए किया करती थी।

बुका Buka

छत्तीसगढ़ का मॉरीशस कहां जाने वाला बुका हमेशा से लोगों की पसंद रहा है। कोरबा से लगभग 65 किलोमीटर दूर बुका में आप बोटिंग (नौका विहार) से प्रकृति का लुफ्त उठा सकते हैं जो सचमुच एक सुंदर एहसास है। इसके साथ आप केंदई वॉटर फॉर और गोल्डन आइसलैंड भी घूमने जा सकते हैं जो यहां पास में ही स्थित है। यहां रेस्टोरेंट और विभिन्न हाउस स्थित है व यहां कैंप फायर और हॉर्स राइडिंग भी किया जा सकता है।

बांगो डैम Bango Dam

बांगो डैम Bango Dam

छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदी व छत्तीसगढ़ की गंगा कहलाने वाली महानदी की सहायक नदी हसदेव जो लगभग 333 किलोमीटर लंबी है व कोरिया से निकलती है पर स्थित डैम मिनीमाता हसदेव बांगो डैम है जो डेम होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी है इस स्थान में काफी मात्रा में जल को संचित किया गया है जिसका मुख्य उपयोग सिंचाई , नहरों , बिजली उद्योगों व संयंत्रो को देने के लिए किया जाता है। यहां काफी मात्रा में आमजन पिकनिक बनाने के लिए आते हैं व पर्यटन के लिए भी काफी प्रसिद्ध है यहां संचित जल , प्रकृति और हरियाली पर्यटकों का मनमोह लेती है।

मिनिमाता बांगो परियोजना के डिज़ाइन के समय प्रस्ताव में तीनों मौसमों के लिये सम्मिलित रूप से 433,500 हेक्टेयर खेत प्रतिवर्ष सिंचाई की ही बात कही गई थी, मगर मौजूदा स्थिति से इसकी तुलना की जाये तो यह काफी कम है।
2014-15 में प्राप्त जानकारी के आधार पर आरबीसी इरिगेशन के तहत 102,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हुई और एलबीसी इरिगेशन के तहत सिर्फ 37,000 हेक्टेयर की। हालांकि ये आँकड़े खरीफ के मौसम से सम्बन्धित हैं। रबी और गरम मौसम में इस परियोजना से बिल्कुल सिंचाई नहीं हुई है (एके श्रीवास्तव, पूर्व इंजीनियर, हसदेव बांगो परियोजना)।
विभिन्न अधिकारियों और विशेषज्ञों से बातचीत से मिले आँकड़ों से पता चलता है कि लगभग 139,000 हेक्टेयर जमीन पर इस साल खरीफ के मौसम में सिंचाई की गई है। रबी के मौसम में 17,000 हेक्टेयर ज़मीन पर सिंचाई उपलब्ध कराने की योजना थी, मगर पानी की कमी और कैनाल नेटवर्क में आई तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से बिल्कुल सिंचाई नहीं हो पायी। जबकि 2014 में नहरों में 25 अक्तूबर तक पानी आता रहा था। 455 एमसीएम पानी उद्योगों और शहरों को निर्बाध रूप से उपलब्ध कराया जाता रहा, उद्योगों और शहरों की ज़रूरतों में कोई कटौती

नहीं की गई, पर खेत-सिंचाई के लिये पानी की मात्रा कम कर दी गई।

कनकी : Kanki Hasdev Korba

कनकी : Kanki Hasdev Korba

यह गांव उर्गा से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर हसदो नदी के तट पर स्थित है, जो कोरबा से 20 किमी दूर है। यह धार्मिक स्थल कंकेश्वर या चक्रेश्वर महादेव मंदिर के नाम पर प्रसिद्ध है। यह माना जाता है कि कनकी के मंदिर का निर्माण कोरबा के जमींदारों के द्वारा वर्ष 1857 के आस-पास कराया गया था।

  1. कनकी एक गांव है जो उर्गा के पास हसदो नदी के तट पर स्थित है, जो कोरबा से 20 किमी दूर है।कनकी ऊर्गा से 12 किलोमीटर की दूरी पर है।यह धार्मिक स्थल
  2. कंकेश्वर या चक्रेश्वर महादेव मंदिर के नाम पर प्रसिद्ध है।
  3. यह माना जाता है कि कनकी का मंदिर कोरबा के जमींदारों द्वारा 1857 के आस-पास बनाया गया था।
  4. मंदिर पत्थरों में बनाई गई कई खूबसूरत चित्रों से सजा हुआ है।
  5. भगवान शिव-पार्वती की असंख्य मूर्तियों की है।
  6. इसके अलावा, देवी दुर्गा का एक और प्राचीन मंदिर है।
  7. यह गांव घने जंगल से घिरा हुआ है और कई तालाबों की संख्या वहां पाया जा सकता है।
  8. इस क्षेत्र प्रवासी पक्षियों के द्वारा प्रवासी समय के दौरान देखा जाता है ।

हसदेव बांगो परियोजना : जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर इसके आस-पास कई पर्यटन स्थल है, जैसे कि, बुका, गोल्डन आइलैंड और सतरेंगा।

कुदुरमाल Kudurmal Korba Chhattisgarh 

  1. कुदुरमाल एक छोटा गांव है जो कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर स्थित है।
  2. संत कबीर के शिष्य में से एक का समाधि यहाँ है, जो लगभग 500 वर्ष पुराना है इसलिए यह ऐतिहासिक महत्व रखता है|
  3. इसके अलावा, यहां एक मंदिर है, जिसे संकटमोचन हनुमान मंदिर कहते हैं |
  4. जो मंदिर के केंद्र में हनुमान की एक प्रमुख संतमूर्ति स्थापित की गई थी जहा महात्मा केवलाल पटेल ने मंदिर बनाया था मंदिर के चारों ओर में काली, दुर्गा, राम, सीता,
  5. कबीर आदि के अन्य छोटे मंदिर हैं। यहाँ हर साल (जनवरी और फरवरी) में माघ पूर्णिमा पर एक मेला होता है।
  6. मंदिर के पास एक चट्टान के नीचे एक गुफा है, जो कि गोलियों के चट्टानों से भी आकर्षित होता है|

भौगोलिक
कोरबा की स्थिति 22.35°N 82.68°E पर है। यहाँ

आर्थिक
कोरबा का आर्थिक रूप से अच्छा है ना

कालोनी
कोरबा शहर का ऋणियों से भरा हुआ है एन टी पी सी बालको एच टी पी पी एस ई सी की लोनियों से बसा हुआ साथ में ही लेन्सियों का प्रेम सद्भावना देखने को भी मिलता है।

भूगोल
कोरबा की स्थिति 22.35°N 82.68°E पर है। यहाँ की औसत ऊँचाई 252 मीटर (826 फीट) है।

अर्थव्यवस्था
कोरबा का अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी है यहाँ 45 प्रतिशत उद्द्योग से और 5०0प्रतिशत कृषि और 5 प्रतिशत अन्य साधनों से आय प्राप्त होती है यहाँ पर कृषि के लिए जल संसाधन अच्छी स्रोत है इसके साथ ही सिंचाई के लिए नहरे निकली गयी है

कालोनी
कोरबा शहर लगभग कालोनियों से भरा हुआ है यहाँ एन टी पी सी बालको एच टी पी पी एस ई सी एल की कालोनियों से बसा हुआ है साथ ही कालोनियों का परस्पर प्रेम सदभाव वाले माहौल देखने को भी मिलता है

नदी परियोजना - River Project

  1. हसदेव बांगो परियोजना -
    • नदी - हसदेव नदी
    • नामकरण - मिनीमाता बांध
    • स्थान - बांगो ग्राम (कोरबा)
    • सिंचाई क्षमता - 4,20,580 हेक्टेयर
    • निर्माण प्रारंभ - 1967
    • पूर्ण रूप से तैयार - 2011
    • लाभान्वित जिले - कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा
    • क्षमता - 40×3 = 120 मेगावाट
  2. • अन्य परियोजना -
    1. लघु जल विद्युत परियोजना
    निर्माण - 2003, 2009
    स्थान - कोरबा
    उत्पादन क्षमता - 1.7 मेगावाट
  3. मेले -
    1. कनकी का मेला (महाशिवरात्रि)
    2. कुदुरमाल का मेला (माघपूर्णिमा)
  4. • जंगल सत्याग्रह -
    स्थान - बांधाखार, कटघोरा (1930)
    नेतृत्वकर्ता - मनोहर लाल शुक्ल
  5. • हवाई पट्टी -
    • स्थान - कोरबा
    • राज्य शासन के अधीन
  6. • पहाड़ी -
    छुरी - उदयपुर पहाड़ियों का विस्तार कोरबा - रायगढ़ तक है।
  7. • विशेष -
    कोरबा मानव विकास सूचकांक के प्रथम स्थान पर है ।
  8. • जलप्रपात -
    1. केन्दई जलप्रपात, कटघोरा (केन्दई नदी पर)
    2. देवपहरी जलप्रपात, कोरबा (चोरानाई नदी पर)
  9. भू-गर्भिक शैलक्रम -
    1. गोंड़वाना क्रम की चट्टान
    2. दक्कन ट्रैप
  10. • खनिज -
    1. कोयला क्षेत्र -
    • कुसमुंडा
    • गेवरा
    • दीपका
    • कोरबा
    • हसदो रामपुर बेसिन
    • मुकुंदघाट
  • 2. बॉक्साइट क्षेत्र -
    • फुटका पहाड़
    • पवन खेड़ा
    • केरता पहाड़
  • • शिक्षा -
    1. नवीन चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना
  • • प्रमुख उद्योग -
    1. NTPC कोरबा
    स्थापना - 1978
    उत्पादन - 1983
    स्थान - जमनीपाली (कोरबा)
    क्षमता - 2600 मेगावाट
  • 2. BALCO
    स्थापना - 24 नवम्बर 1965
    उत्पादन - 1975
    उपयोग - बॉक्साइट खनिज
    विशेष - यह उद्योग रूस एवं जर्मनी के सहयोग से बनाया गया है।
  • 3. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह
    स्थान - कोरबा पूर्व
    स्थापना - 2007
    क्षमता - 500 मेगावाट (250×2)
  • 4. हथकरधा उद्योग
    स्थान - कोरबा
  • 5. सल्फर गैस उत्सर्जक प्लांट
    कोरबा में देश का 17वें क्रम का सल्फर गैस उत्सर्जक प्लांट प्रस्तावित है।
  • 6. हसदेव फूड प्रोसेसिंग पार्क
    यह पार्क कोरबा में प्रस्तावित है।
  • 7. एल्यूमीनियम पार्क
    स्थान - कोरबा
  • 8. CIPET (सीपेट)
    स्थान - स्याहीमुड़ी (कोरबा)

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