CG Janjgir Champa जांजगीर-चाम्पा यह हमारे भारत देश के छत्तीसगढ़ राज्य की एक जिला है, जिला जांजगीर-चांपा की स्थापना 25 मई 1998 को हुई थी। जिला जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ राज्य के मध्य स्थित होने के कारण इसे छत्तीसगढ राज्य के हृदय के रूप में माना जाता है। जिला जांजगीर-चांपा के मुख्यालय जांजगीर कलचुरी वंश के महाराजा जाज्वल्य देव की नगरी है। जिला जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ राज्य के प्रमुख अनाज उत्पादक जिलों में से एक है।
Mor Janjgir Bhima Talab |
यहां स्थित विष्णु मंदिर जांजगीर-चांपा जिलें के सुनहरे अतीत का प्रतीक है।विष्णु मंदिर वैष्णव समुदाय की प्राचीन कलात्मकता की परिचायक है। हसदेव परियोजना को जिला जांजगीर-चांपा के लिए जीवन वाहिनी के रूप में माना गया है। इस परियोजना के तहत जिले के तीन चौथाई क्षेत्र को सिंचित किया जा रहा है।
ज़िले का मुख्यालय जांजगीर है जांजगीर चांपा को किसानों का नगर के रूप में कहा जाता है और छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा धान उत्पादन जांजगीर-चांपा जिले में ही किया जाता है
जिले का स्थान Jajngir Champa
CG Janjgir Champa जांजगीर-चांपा जिले का मुख्यालय जांजगीर है जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग 49 पर स्थित है। सडक मार्ग द्वारा जांजगीर, बिलासपुर जिले से 65 किमी और छत्तीसगढ राज्य की राजधानी रायपुर जिले से 175 किमी दूरी पर है।
साउथ-इस्टर्न-सेन्ट्रल रेल्वे जांजगीर-चांपा जिले के मुख्यालय जांजगीर से जुडा हुआ है। यह मुम्बई-हावडा मुख्य रेलमार्ग पर स्थित है। रेल मार्ग द्वारा जांजगीर, छत्तीसगढ राज्य की राजधानी रायपुर की दूरी 152 किमी है। जांजगीर-चांपा जिले के मुख्यालय से निकटतम रेल्वे स्टेशन नैला एवं चांपा स्टेशन है।
जांजगीर-चाम्पा भारत में कहाँ पर है CG Janjgir Champa Where is in india
जांजगीर-चाम्पा जिला भारत के राज्यो में दक्षिण पूर्व की तरफ की अंदर की तरफ स्थित छत्तीसगढ़ राज्य में है, जांजगीर-चाम्पा जिला छत्तीसगढ़ के केंद्रीय भाग का जिला है, जांजगीर-चाम्पा 21 ° 6 ‘ से 22 ° 4’ तक उत्तर अक्षांश और 82 ° 3 ‘ से 83 ° 2’ तक पूर्वी देशांतर में स्थित है, जांजगीर-चाम्पा की समुद्रतल से ऊंचाई 295 मीटर है, जांजगीर-चाम्पा रायपुर से 155 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम की तरफ है और देश की राजधानी दिल्ली से 1253 किलोमीटर दक्षिण पूर्व की तरफ ही है।
जांजगीर-चांपा के पडोसी जिले Neighboring Districts of Janjgir-Champa
जांजगीर-चाम्पा के उत्तर में कोरबा जिला है, पूर्व में रायगढ़ जिला है, दक्षिण में रायपुर जिला और पश्चिम में बिलासपुर जिला है ।
जांजगीर-चाम्पा जिले में विधान सभा की सीटें Assembly constituencies in Janjgir-Champa District
जांजगीर-चाम्पा जिले में 5 विधान सभा सीट है, इस 5 विधान सभा क्षेत्रो के नाम इस प्रकार से है, 1. जांजगीर-चंपा 2. सकती 3. चंद्रपुर 4. जैजैपुर 5. पामगढ़ (SC), इन 5 विधान सभा सीटों में १ भी विधान सभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित नहीं है पर १ सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षितं है।
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ट्रांसपोर्ट रेलवे transport railway CG Janjgir Champa
CG Janjgir Champa जिला मुख्यालय जांजगीर दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे की रेल लाइन से जुड़ा है। यह हावड़ा - मुंबई मुख्य लाइन पर स्थित है । राज्य की राजधानी रायपुर रेल मार्ग से जांजगीर से 152 किमी (94 मील) दूर है। जांजगीर-चांपा जिले के मुख्य रेलवे स्टेशन चंपा, जांजगीर-नैला, अकलतरा, शक्ति, बाराद्वार हैं। जांजगीर के रेलवे स्टेशन को जांजगीर -नैला कहा जाता है , जिस शहर में यह स्थित है। जबकि चंपा जेएन ए-श्रेणी का स्टेशन है।
जिले में सबसे लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से एक शिवरीनारायण है । परंपरा के अनुसार यहीं पर माता शबरी का आश्रम था। रामायण के अनुसार , अपने वनवास के दौरान, भगवान श्री राम ने शबरी का जूठे बेर खाया था.
नहरिया बाबा मंदिर, भगवान हनुमान को समर्पित एक मंदिर हमेशा पर्यटकों के लिए रुचि का स्थान रहा है। खोखरा का मनका देवी मंदिर भी दो बड़े तालाबों के बीच स्थित जिले का एक शांतिपूर्ण और अच्छा स्थान है। प्रमुख पर्यटन स्थल और धार्मिक तीर्थयात्री मदनपुरगढ़, ऋषभतीर्थ, और विष्णु मंदिर (जांजगीर), शिवरीनारायण, पीथमपुर (कलेश्वरनाथ मंदिर), चंद्रपुर (चंद्रहासिनी मंदिर और महानदी नदी), अड़भार ( अष्टभुजी मंदिर ), समलेश्वरी मंदिर (चंपा) हैं। भगवान हनुमान मंदिर (मेहंदी) और खरोद (लक्ष्मनेश्वर मंदिर)।
शिक्षा छत्तीसगढ़ बोर्ड से सम्बंधित स्कूल Education Schools affiliated to Chhattisgarh Board
Mor Janjgir Pic |
- विवेकानंद हायर सेकेंडरी स्कूल, जांजगीर
- नव जागृति हायर सेकेंडरी स्कूल, चंपा
- देव संस्कृति विद्यालय गायत्री शक्ति पीठ चंपा।
- डीबीएम कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, लिंक रोड जांजगीर
- ज्ञान भारती हायर सेकेंडरी स्कूल जांजगीर
- ज्ञानोदय हि. सेक। स्कूल अकलतरा रोड जांजगीर
- जय भारत अंग्रेजी। मध्यम। स्कूल, जांजगीरो
- लायंस इंग्लिश हायर सेकेंडरी स्कूल, चंपा
- नेशनल कॉन्वेंट स्कूल, डबरा
- हरिओम हायर सेकेंडरी स्कूल, डबरा
- आरकेसिंह हायर सेकेंडरी स्कूल अकलतरा
- सेंट जेवियर्स हायर सेकेंडरी स्कूल, सीसीआई अकलतराTAR
- लोटस पब्लिक स्कूल (सीबीएसई पैटर्न स्कूल)
- दिल्ली पब्लिक स्कूल
- ज्ञानदीप हायर सेकेंडरी स्कूल, जांजगीर
सीबीएसई से सम्बंधित स्कूल CBSE Affiliated/related Schools
- ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल [सीबीएसई], जांजगीर
- गुरुकुल पब्लिक स्कूल [सीबीएसई], जांजगीर
- श्री कैलाशपत सिंघानिया हायर सेकेंडरी स्कूल [सीबीएसई], गोपाल नगर (लाफार्ज)
आईटीआई iTi
- डीबीएम औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, लिंक रोड जांजगीर
- वैश्विक प्रा. आईटीआई, मनका दाई मंदिर के पीछे, बलौदा रोड, अकलतरा
- सरकार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, जांजगीर
- सरकार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अकलतरा
- सरकार पॉलिटेक्निक कॉलेज, जांजगीर
- यश आईटीआई
बी.एड कॉलेज College B.Ed
- कोणार्क कॉलेज ऑफ एजुकेशन, खोखसा, जांजगीर
- ज्ञानोदय कॉलेज ऑफ एजुकेशन जांजगीर
- पंडित हरिशंकर कॉलेज ऑफ एजुकेशन, जांजगीर।
- उत्कर्ष कॉलेज ऑफ एजुकेशन, जांजगीर
- ज्ञानदीप कॉलेज ऑफ एजुकेशन, जांजगीर
- ज्ञानरोशनी लोक कल्याण संस्था खोखरा, जांजगीर
नर्सिंग कॉलेज Nursing College
- आयुष्मान नर्सिंग कॉलेज (एएनएम), जांजगीरो
- सूर्या कॉलेज ऑफ नर्सिंग
सामान्य कॉलेज General College
- कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन जांजगीर चंपा
- सरकार इंजीनियरिंग कॉलेज, जांजगीर
- भारतीय हथकरघा और वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान चंपा
अन्य कॉलेज Any Other College in Janjgir Champa
- सरकार एमएमआर पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, चंपा
- जज्वलयदेव सरकार। नवीन गर्ल्स कॉलेज जांजगीर
- टीसीएल सरकार। पीजी कॉलेज, जांजगीर
- ठाकुर इंद्रजीत सिंह महाविद्यालय, अकलतरा
केन्द्र संरक्षित स्मारक Centrally Protected Monument in CG Janjgir Champa
1. कोटमी किला, कोटमी
2. कांशीगढ़ किला, बावनबाड़ी (जांजगीर)
3. अष्टभुजी माता का मंदिर अड़भार, सक्ती
4. चन्द्रचूड़ मंदिर, शिवरीनारायण
5. केशव नारायण मंदिर, शिवरीनारायण
6. ईंट निर्मित इंदल देउल मंदिर, खरौद
7. ईंट निर्मित शबरी मंदिर, खरौद
8. विशाल विष्णु मंदिर, जांजगीर
पर्यटन स्थल Tourist Spot in Janjgir Champa
- विष्णु मंदिर
स्थित: जिला मुख्यालय 12 वी सदी में हैह्य वंश के राजाओं के द्वारा विष्णु मंदिर का निर्माण कराया गया। यह मंदिर वर्तमान में जॉजगीर की पुरानी बस्ती के भीमा तालाब के पास स्थित है। पूर्ण मंदिर बनाने के लिये इसे दो भागों मे निर्माण किया गया। लेकिन दोनों ही भाग को मिलाने का कार्य समय में पूर्ण नही हुआ था, इसका परिणाम यह हुआ कि दोनों भाग आज भी अलग-अलग जमीन पर रखें है।
12 वीं शताब्दी में कल्चुरी शासक जाजल्यदेव प्रथम द्वारा स्वयं के नाम पर जाजल्यपुर नामक शहर बसाया गया। जिसे वर्तमान जांजगीर के रूप में चिन्हांकित किया गया है, आज भी जाजल्यदेव की स्मृति में प्रतिवर्ष जाजल्य महोत्सव मनाया जाता है एवं साथ ही, विष्णु मंदिर का निर्माण कराया।
स्थान - जांजगीर
• निर्माणकर्ता - जाजल्यदेव प्रथम
• शैली - सप्तशैली से निर्मित है।
- नहरिया बाबा
यह मंदिर जांजगीर शहर में नहर के किनारे स्थित है, जिस वजह से इसे नहरिया बाबा कहा जाता है। यह एक हनुमान मंदिर है। - लक्ष्मणेश्वर मंदिर
यह मंदिर छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में स्थित संस्कारधानी शिवरीनारायण से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर बसे खरौद नगर में स्थित शिव मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 6 वी शताब्दी में कराया गया था। - प्राचीन नाम - इंद्रपुर
• संज्ञा - छत्तीसगढ़ का काशी
• मंदिर - 1. शबरी मंदिर
2. लक्ष्मणेश्वर मंदिर
• गर्भगृह में - शिवलिंग
• निर्माण सोमवंशीय शासकों के द्वारा छठवीं शताब्दी में ईशानदेव (पाण्डु वंश) ने
• जीर्णोद्धार - कल्चुरी शासक रत्नदेव तृतीय द्वारा। -
स्थान - जांजगीर - चांपा
• शिवरीनारायण महानदी, शिवनाथ व जोंक नदी के संगम पर स्थित है।
• मंदिर - 1. नर - नारायण मंदिर
2. केशव - नारायण मंदिर
3. जगन्नाथ मंदिर
4. चन्द्रचूड़ का मंदिर (अल्हणदेव द्वारा निर्मित)विशेष -
1. अद्भुत बट वृक्ष जिसके पत्ते दोने के समान होते हैं।
2. रामायणकालीन स्थल (माता शबरी का आश्रम, यहां पर ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने अपने 14 वर्ष के वनवास के समय यहाँ माता शबरी के जूठे बेर खाये थे) - गुंजी (ऋषभतीर्थ), दमऊदहरा
जांजगीर जिले के सक्ती तहसील में सक्ती-कोरबा के रास्ते में एक आकर्षण का केन्द्र हैं यहॉ प्राकृतिक पानी का जल प्रपात, गुफाए रामजानकी मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर, ऋषभ देव मंदिर इत्यादि है। इसके पास ही अन्य पर्यटन स्थलों पंचवटी, सीतामणी आदि आकर्षित करने वाले पर्यटन स्थल है।
इसे दमउदहरा नाम से भी जाना जाता है जहां पर जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभ देव की मूर्ति है।
• यहां पहाड़ी नाला पर झरना बहती है जिसे दमउदहरा जलप्रपात के नाम से जानते हैं।
• गुंजी में सातवाहन वंशीय राजकुमार वरदत्तश्री की शिलालेख प्राप्त हुआ है, जिसमें अपने आयु वृद्धि के लिए ब्राम्हणों को 1000 गाय दान देने का उल्लेख है।
• रामजानकी एवं राधा - कृष्ण मंदिर स्थित है। - अड़भार
जांजगीर जिले के मालखरौदा तहसील में स्थित शहर सक्ती से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्राचीन मंदिर है। इसका निर्माण 5वीं शताब्दी में माना जाता है। जिसमें आठ हाथ वाली देवी विराजमान है। नवरात्रि के अवसर पर यहॉ ज्योति कलश जलाया जाता हैं। - पीथमपुर (शिव मंदिर)
भगवान शिव मंदिर जांजगीर से 10 किलोमीटर की दूरी पर हसदेव नदी के तट पर स्थित है जो कि कलेश्वरनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। महाशिवरात्रि एवं रंग पंचमी त्यौहार के समय 10 दिन का मेला आयोजित किया जाता है।
• कलेश्वर महादेव का मंदिर (कुलेश्वर महादेव मंदिर - राजिम)
• महाशिवरात्रि व रंगपंचमी पर मेला लगता है।
हसदेव नदी के तट पर जांजगीर - चांपा जिले में स्थित है। - चंद्रपुर चंद्रहासिनी देवी मंदिर
तहसील मुख्यालय डभरा से 22 किलोमीटर की दूरी पर महानदी के तट पर चन्द्रहासिनी देवी माता का एक अद्भुत मंदिर है। नवरात्रि के समय यहॉ भव्य मेला का आयोजन किया जाता है। साथ ही यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है यहॉ अन्य राज्यों जैसे ओडिसा से भी लोग आते है।
• चन्द्रहासिनी देवी एवं नाथल दाई का मंदिर स्थित है।
• नाथल दाई का मंदिर महानदी के बीचो - बीच स्थित है।
• कोसा शिल्प के लिए मशहूर स्थान है।
• मांड और महानदी के संगम पर चंन्द्राहासिनी देवी मंदिर स्थित है। - दल्हा/दलहा पहाड़ : यह पहाड़ जिले के अकलतरा तहसील में स्थित है। यह धर्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है।
• सिद्धमुनी आश्रम, नागेश्वर धाम मंदिर
• नागपंचमी के दिन मेला आयोजित होती है।
• दलहा पहाड़ अकलतरा में स्थित है। - मगरमच्छ संरक्षण केंद्र
यह जिले के अकलतरा तहसील के कोटमिसोनार ग्राम में स्थित है। यह प्रदेश का एक मात्र मगरमच्छ का प्राकृतिक संरक्षण केंद्र है।
• कोटमीसोनार में क्रोकोडाइल पार्क स्थित है।• यहां मगरमच्छ का कृत्रिम रूप से संरक्षण किया जा रहा है। - तुर्रीधाम (शिव मंदिर)
तुर्रीधाम के नाम से जाना जाने वाला यह मंदिर भगवान शिव का है, प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर तीन दिनों का मेला आयोजित किया जाता है। जो अत्यधिक लोकप्रिय है
• मकर संक्रांति व महाशिवरात्रि में मेला होता है।
• यहां प्राकृतिक शिवलिंग स्थापित है, जिसमें अनवरत जलधारा बहती रहती है। - घटादाई (पहरिया) (त्रिपुर सिंघरदेवी)
त्रिपुर सिंघरदेवी का मंदिर जंगल और पहाड़ो से घिरा है। जो कि इसकी सुंदरता को बढ़ाता है। जांजगीर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। - किरारी गांव
• किरारी गांव यहां के एक तालाब से सातवाहन कालीन काष्ठ स्तंभ की प्राप्ति हुई है।
• जिसमें सातवाहन वंशीय कर्मचारी, अधिकारियों का नामोल्लेख है।
• सन् 1921 में खोजा गया और वर्तमान में इसे महंत घासीदास संग्रहालय रायपुर में रखा गया है। - देव धारा
देव धारा जलप्रपात जांजगीर-चाम्पा जिले में जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक मौसमी जलप्रपात है। यह प्रपात पथरीले चट्टानों के बीच स्थित है। जुलाई से अक्टूबर महीने के बीच पथरीले चट्टानों से बहने वाले पानी की वजह से एक नाला बन जाता है जिससे एक जलप्रपात का निर्माण होता है। - देवर घटा
पामगढ़ तहसील कार्यालय से 22 कि. मी. दक्षिण पश्चिम की ओर नदियों महानदी, लीलागर एवं शिवनाथ के संगम स्थल जो कि पर्यटन स्थल के रूप में विकसित है। - मदनपुरगढ़
यह मंदिर जांजगीर से 10 किलोमीटर की दूरी पर हसदेव नदी के तट पर स्थित हैं। यह एक प्रसिद्ध देवी मंदिर है यहॉ नवरात्रि का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं।
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