Bharat Ma Sang Pyar Karo CG Poem Kavita
असान नइ रिहिस अजादी
सबझन लहू बोहाये हे
जेंन आज देस के संग नही
तेन ल पाकिस्तान बियाए हे
अजाद हवा नइ असान रिहिस
फेर बेड़ी घलो नई शान रिहिस
जेंन करना है तेन यार करो
फेर भारत माँ संग प्यार करो
- मयंक चतुर्वेदी मानस, रायपुर
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