CG School Dairy Hashya Kavita | CG School Poem
दस पईसा के स्याही भरावन
पॉच पईसा म बत्ती
खम्भा-खम्भा घोंस-घोंस के
कर देन ओला चोक्खी
बोरी के बस्ता सिलवावन
बोरी ल बनावन छाता
बईठे बर बोरी ले जावन
बेंच कहॉ ले पाता
गुरूजी के जब परै चामटी
विद्या झम-झम आवै
दाई-ददा के चलै कुटाई
टिवसन कोन पढावै
डेढ बजे त भात खा ले
स्कूल जाय बर बासी
चाऊमीन चोचला छोड दे बाबू
रोटी रहय उपासी
बेरा बर ओरिया छॉव देखन
छुट्टी बर देखन खईखा
टीवी मोबाईल कहॉ जी संगी
खेलन लईके लईका
का नरवा का खेत-खार
का ठंडा का तात
मजे-मजा म रहे जमो झन
अब तईहा होगे बात
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