Chhattisgarh information Official
छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवम्बर 2000 को हुआ। यह राज्य देश का 10 वा विशालतम राज्य है।
जनसँख्या के साथ यह भारत का 17 वा सर्वाधिक जनसँख्या वाला राज्य है।
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यहाँ गढ़ो की संखा बढ़ने पर भी इसके नाम में किसी भी प्रकार से परिवर्तन नहीं किया गया ,
छत्तीसगढ़ भारत की ऐसा राज्य है जिसे 'महतारी ' "माँ " का दर्जा दिया गया है | प्राचीनकाल में इस क्षेत्र को दक्षिण कोशल के नाम से जाना जाता था। इस क्षेत्र का उल्लेख रामायण और महाभारत में भी मिलता है।
छठी और बारहवीं शताब्दियों के बीच सरभपूरिया, पांडुवंशी, सोमवंशी, कलचुरी और नागवंशी शासकों ने इस क्षेत्र पर शासन किया। कलचुरियों ने छत्तीसगढ़ पर सन 980 से लेकर 1791 तक राज किया। सन 1854 में अंग्रजों के आक्रमण के बाद ब्रिटिश शासनकाल में राजधानी रतनगढ़ ( रतनपुर ) के बजाय रायपुर का महत्व बढ़ गया।
सन 1904 में संबलपुर, ओडिशा में चला गया और सरगुजा रियासत बंगाल से छत्तीसगढ़ के पास आ गई।
छत्तीसगढ़ पूर्व में दक्षिणी झारखंड और ओडिशा से, पश्चिम में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से, उत्तर प्रदेश और पश्चिम में झारखंड से और दक्षिण में आंध्र प्रदेश से घिरा है। छत्तीसगढ़ क्षेत्रफल के हिसाब से देश का नौवां बड़ा राज्य है और जनसंख्या की दृष्टि से इसका 17वां स्थान है।
खनिज संसाधन Mineral Resources
छत्तीसगढ़ में आग्नेय, कायांतरित और तलछटी क्षेत्रों में अनेक प्रकार के खनिज पाए जाते हैं।कोयला, कच्चा लोहा, चूना पत्थर, बॉक्साइट, डोलोमाइट तथा टिन के विशाल भंडार राज्य के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए हैं। रायपुर जिले में हाल ही में पहचाने गए डाइमंडीफैरस किंबरलाइट्स में से काफी मात्रा में हीरा प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा सोना, आधार धातुओं, बिल्लौरी पत्थर, चिकना पत्थर, सेटाइट, फ्लोराइट, कोरंडम, ग्रेफाइट, लेपिडोलाइट, उचित आकार की एम्लीगोनाइट के विशाल भंडार मिलने की संभावना है। राज्य में देश के 20 प्रतिशत इस्पात और सीमेंट का उत्पादन किया जाता है। कच्चे टिन का उत्पादन करने वाला यह देश का एकमात्र राज्य है। यहां खनिज संसाधनों से उत्खनन, खनिज आधारित उद्योग लगाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने की अपार क्षमता है। छत्तीसगढ़ में विश्व का सबसे अधिक किंबरलाइट भंडार क्षेत्र है।
आठ ब्लॉकों में हीरे की संभावना का पता लगाने के लिए पहचान की गई है। हीरे के अलावा सोने की संभावना के लिए चार तथा आधार धातुओं के लिए पांच ब्लॉक चिन्हित किए गए हैं।
कृषि Agriculture
हमारे राज्य में 80 प्रतिशत आबादी कृषि और संबंधित गतिविधियों में लगी है। 137.9 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र में कुल कृषि क्षेत्र भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 35 प्रतिशत है।खेती का प्रमुख मौसम खरीफ है, जिसमें लगभग 45.89 लाख हेक्टेयर में खेती होती है।
चावल यहां की मुख्य फसल है। अन्य सर्वाधिक भंडार है। लगभग 540 हज़ार हेक्टेयर में बागवानी फसलें उगाई जाती हैं राज्य द्वारा शुरू किया अनूप कार्यक्रम किसानों को धान की कमी उपजाउ किस्म के बदले व्यावसायिक रूप से अधिक उपजाउ किस्मों तथा अन्य फसलों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
उद्योग CG Industry
छत्तीसगढ़ में वन, खनिज और भूजल प्राकृतिक संसाधनों का असीम भंडार है। पिछले कुछ वर्षो में राज्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं और यह उद्योगों के मामले में बहुत फल-फूल रहा है। छत्तीसगढ़ में देश का लगभग 20 प्रतिशत इस्पात और 15 प्रतिशत सीमेंट तैयार होता है।
भिलाई इस्पात संयंत्र,
राष्ट्रीय खनिज विकास निगम,
साउथ-ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड,
एन.टी.पी.सी.
जैसे भारत सरकार के उपक्रम और ए.सी.सी. गुजरात अंबुजा, ग्रासिम, एल एंड टी, सी सी आई और फ्रांस के लाफार्ज जैसे बड़े सीमेंट प्लांट तथा 53 इस्पात परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। राज्य में लगभग 133 इस्पात ढालने के कारखाने, अनेक लघु इस्पात संयेत्र, 11 फेरो-एलॉय कारखाने, इंजीनियरिंग और निर्माण सामग्री और वनोत्पाद पर आधारित कारखाने हैं।
सिंचाई और बिजली irrigation and electricity
जब यह राज्य अस्तित्व में आया, तब इसकी कुल सिंचाई क्षमता 13.28 लाख हेक्टेयर थी जो बढ़कर 18.09 लाख हेक्टेयर हो गई है। पूरी हो चुकी मुख्य परियोजनाएं है: तांदुला, कोडर और पेयरी।परिवहन transportation
सड़के: राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 33448.80 कि.मी. है। राष्ट्रीय राजमार्गो की लंबाई 2,226 कि.मी., प्रांतीय राजमार्गो की लंबाई 5240 कि.मी., जिला की लंबाई 10,539.80 और ग्रामीण सड़कों की लंबाई 15,443 कि.मी. है। बेहतर संपर्क के लिए उत्तर-दक्षिण को जोड़ने वाले दो तथा पूर्व-पश्चिमी को जोड़ने वाले चार सड़क गलियारे बनाए जा रहे हैं जिनकी लंबाई 3,106.75 कि.मी. है।
रेल: रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांद गांव, रायगढ़ और कोरबा यहां के प्रमुख रेल स्टेशन है।
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पर्यटन स्थल CG tourist spot
भारत के ह्दय में स्थित छत्तीसगढ़ में समृद्ध सांस्कृतिक और आकर्षक प्राकृतिक विविधता है। राज्य में प्राचीन स्मारक, दुर्लभ वन्यजीव, नक्काशीदार मंदिर, बौद्धस्थल, महल, जल-प्रपात, पर्वतीय पठार, रॉक पेंटिंग और गुफाएं हैं। बस्तर अपनी अनोखी सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान के साथ पर्यटकों को नई ताजगी प्रदान करता है। चित्रकोट के जल-प्रपात-जहां इंद्रावती नदी का पानी 96 फुट की ऊंचाई से गिरने से बने तीरथगढ़ प्रपात नयनाभिराम दृश्य उपस्थित करते हैं। अन्य प्रमुख स्थल है: केशकल घाटी, कांगेरघाटी राष्ट्रीय पार्क, कैलाश गुफाएं और कुटुंबसर गुफाएं जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जानी जाती हैं।बिलासपुर में रतनपुर का महामाया मंदिर, डोंगरगढ़ में बमलेश्वरी देवी मंदिर, दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी देवी मंदिर और छठी से दसवीं शताब्दी में बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र रहा सिरपुर भी महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं। महाप्रभु वल्लभाचार्य का जन्मस्थल चंपारण, खूंटाघाट जल प्रपात, मल्हार में डिंडेश्वरी देवी मंदिर, अचानकमार अभयारण्य, रायपुर के पास उदंति अभयारण्य, कोरबा जिले प्रपात पर्यटकों के मनपसंद स्थल हैं।
खरौद जांजगीर-चंपा का शबरी मंदिर, शिवरीनारायण का नरनारायण मंदिर, रंजिम का राजीव लोचन और कुलेश्वर मंदिर, सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर और जांजगीर का विष्णु महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में हैं। पर्यटन क्षेत्र के स्थायी विकास के लिए राज्य ने केंद्रीय एजेंसी के रूप राज्य पर्यटन संवर्द्धन बोर्ड का गठन किया है।
" छत्तीसगढ़ राज्य दर्शन "
"Chhattisgarh State Darshan"
- राज्य सांस्कृतिक सुंदरता और सुखद वातावरण से समृद्ध है। राज्य घने जंगल, पहाडियों, धाराओ, झरनों, प्राकृतिक गुफाओ और पार्क इत्यादियो से घिरा हुआ है। छत्तीसगढ़ के कश्मीर के नाम से प्रसिद्ध बस्तर शहर, बहुत से विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। भारत की विशालतम नदियों में से एक, महानदी की उत्पत्ति इसी राज्य से हुई है।
- छत्तीसगढ़ का मौसम उपोष्णकटिबंधीय है। इसीलिए साल में वर्षा ऋतू के अलावा आप किसी भी मौसम में राज्य के दर्शन कर सकते हो। यदि आपको सबसे बेहतरीन वातावरण का आनंद लेना है तो आपको सितम्बर और दिसम्बर के समय यहाँ की यात्रा करनी चाहिए।
- साल भर राज्य में बहुत से पर्यटक आते है। आप यहाँ नक्काशीदार मंदिर, प्राचीन स्मारक, दुर्लभ वन्यजीव, गुफा, बुद्धा स्थल, पैलेस, वॉटरफॉल, पत्थर की पेंटिंग्स और पहाड़ी इलाके देख सकते है। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में बस्तर, कैलाश और कोटमसर गुफा, महामाया मंदिर शामिल है।
- दुसरे प्रसिद्ध स्थलों में अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य, उदंती वन्यजीव अभयारण्य, गोमर्दा रिज़र्व फ़ॉरेस्ट, मैत्री बाघ, चित्रकोट, चित्राधार वॉटरफॉल, तिर्थगढ़ वॉटरफॉल, बारसूर, लक्ष्मण मंदिर, उवादाग्गाहरम पर्श्वा तीर्थ, महंती घासी दास मेमोरियल म्यूजियम, चैतुरगढ़ किला, रतनपुर फोर्ट, कंकर पैलेस और इत्यादि शामिल है।राज्य के बीच से जाने वाले राष्ट्रिय राजमार्गो में NH6, NH16 और NH43 शामिल है।
छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्य उत्सव
Chief Festival of Chhattisgarh State
- रतनपुर मेला
- बस्तर दशहरा / दुर्गा पूजा
- गोवर्धन पूजा
- बस्तर लोकोत्सव
- मंदी महोत्सव
- राजिम कुम्भ मेला
- पखंजोर मेला (नर नारायण मेला)
- शिवरीनारायण मेला
- सीहवा मेला
- गिरोधपुरी मेला
- सिरपुर महोत्सव
- पोला
- नोवाखई
- दामखेडा मेला आदि .
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